स्वर : ध्रुब के. सि .
प्रेम के जानोस
प्रेम के जानोस प्रेमको बोली
रुप के जानोस के जानोस
भलो या जाली
प्रेम के जानोस
देखेको हि तारा नौलो लाग्यो
हृदयले तेस्को झल्को ल्यायो }- २
न चन्द्र भन्नु न तारा नै
सुन्दरताको न बाला नै } - २
प्रेम के जानोस
प्रेम के जानोस प्रेमको बोली
रुप के जानोस के जानोस
भलो या जाली
प्रेम के जानोस
झुकी झुकी त्यो नयन उचाली
बाँधेर मुस्कान मौन बोली } - २
लाजको झोली बोकी हिंड्ने
निल घुम्टो वा बिजुली नै } - २
प्रेम के जानोस
प्रेम के जानोस प्रेमको बोली
रुप के जानोस के जानोस
भलो या जाली
प्रेम के जानोस
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